National Pension Scheme | नेशनल पेंशन स्कीम ऑनलाइन आवेदन | Open NPS Account | National Pension Scheme Application Form | calculate nps | nps calculation
जब भी हम अपने लिए किसी फाइनेंसियल प्लान की बात करते हैं तो वो तब तक अधूरी होती है, जबतक हम उसमें अपने रिटायरमेंट को शामिल नहीं कर लेते हैं।
जब भी रिटायर की बात सुनते होंगे तो आपको लगता होगा कि रिटायर होने के बाद हम अपनी फैमिली के साथ कहीं घुमने जायें फाइनेंशियली किसी पर डिपेंड ना रहे, अपना एक फार्महाउस हो जहाँ पर आराम से बैठे बिना किसी टेंशन के, अब सवाल ये है कि ये प्लानिंग होगी कैसे, हमारी Help कौन करेगा ये सब करने में।
आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे भारत सरकार की एक स्कीम NPS याना की National Pension Scheme के बारे में जिसके बारे में आपने सुना जरूर होगा लेकिन आपके पास सही और सटीक जानकारी NPS के बारे में नहीं होगी तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयास करते हैं।
NPS क्या है? National Pension Scheme kya hai
NPS यानी की National Pension Scheme भारत सरकार की एक योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य है हमारी रिटायरमेंट को बेहतर बनाना, वैसे तो NPS की शुरुआत 2004 में ही हो गई थी लेकिन जब ये शुरू हुआ था तब ये सिर्फ सरकार कर्मचारियों के लिए ही उपलब्ध था।
लेकिन बाद में यानी 2009 से National pension scheme सभी के लिए शुरू कर दी गई थी, चाहे आप गवर्मेन्ट के कर्मचारी हो या प्राइवेट कर्मचारी हों, आप इसमें अपने रिटायरमेंट के लिए Investment कर सकते हैं।
NPS (नेशनल पेंशन स्कीम) में योजना के प्रकार
वैसे तो NPS में 2 तरह के प्लॉन होते हैं टीयर-1 प्लॉन और टीयर-2 प्लॉन, टीयर-1 प्लॉन एक पेंशन प्लॉन होता है वहीं टीयर- 2 एक Investment Plan होता है।
NPS एक वालेंटरी रिटायरमेंट स्कीम है यानी की सरकार आप पर कोई दबाव नहीं डालेगी की आप इसमें Investment करो आप चाहें तो कर सकते हैं या नहीं भी कर सकते हैं।
अगर आप अपनी रिटायरमेंट को सिक्योर करना चाहते हैं तो आप इस स्कीम में Investment कर सकते हैं।
NPS का Structure
NPS को चलाने की जिम्मेदारी PFRDA यानी की Pension Fund Regulatory and development authority NPS के administration और रेगेलेशन दोनों का ही काम इसी संस्था के द्वारा किया जाता है, PFRDA को बनाने का मुख्य उद्देश्य Old Age Income सिक्योरिटी को बढ़ावा देना था।
PFRDA का मुख्य काम हमारे Funds को Develop और रेगेलेट करने के साथ ही साथ हमारे इंटरेस्ट को protect करना होता है, इसके अलावा NPS के Funds में मुख्य भूमिका होती है Pension Fund Manager’s की यानी की हमारा इनवेस्ट किया हुआ सारा पैसा, सरकार से अधिकृत मैनेजर ही मैनेज कर सकते हैं।
PFRDA ने 7 Pension fund Managers हमारे लिए सलेक्ट किये हैं, जो हमारे सभी Invest किये हुए पैसों को मैनेज करते हैं, आईये आपको बताते हैं कि वो मैनेजर हैं कौन?
• HDFC Pension Management col Limited
• ICICI Prudential Pension Fund management col limited
• Kotak Mahindra Pension fund limited
• LIC Pension fund limited
• SBI Pension fund Private limited
• UTI retirement Solution limited
• Aditya birla sun life pension management limited
> Investment का सबसे बेहतरीन तरीका
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हम इन सातों Fund Manager में से कोई भी एक अपने लिए select कर सकते हैं।
NPS में Investment के लाभ क्या हैं?
अब आप सोच रहे होंगे कि NPS में Invest करने के क्या क्या फायदे होंगे, तो इसका सबसे बड़ा फायदा आपको मिलेगा Tex Free Returns और Higher Long term Returns क्योंकि NPS को Section-80c में रखा गया है और इसके साथ ही साथ इसके लिए अलग से कई नियम बनाये गए हैं।
जिसकी वजह से हम अपने बड़े Amount पर भी टैक्स बचा सकते हैं। NPS पाकी रिटायरमेंट प्लॉन से ज्यादा अच्छा है क्योंकि इसमें हम एक Discipline Saving कर सकते हैं, गोल बेस इनवेस्ट कर सकते हैं और साथ ही साथ अपने रिटायरमेंट के लिए एक अच्छा खासा Amount Buil कर सकते हैं।
National Pension Scheme के लाभ तथा विशेषताएं
- इस स्कीम के निदेशकों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन प्रदान की जाएगी।
- अगर आपने Annuity की खरीद में निवेश किया है तो आपको कर में पूरी तरह से छूट मिलेगी।
- ₹50000 तक की अतिरिक्त डिडक्शन सेक्शन 80CCE के तहत क्लेम की जा सकती है।
- National Pension Scheme का ग्राहक रुपए की कुल सीमा में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD(1) के तहत ग्रॉस इनकम का 10 फ़ीसदी का टैक्स में डिडक्शन क्लेम कर सकता है। सेक्शन 80 CCE के तहत यह लिमिट 1.5 लाख है।
- नेशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत न्यूनतम निवेश की सीमा ₹6000 है।
- यदि आप नेशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत न्यूनतम सीमा जितना निवेश नहीं कर पा रहे हैं तो आपका अकाउंट फ्रीज कर दिया जाएगा और आपको अकाउंट अनफ्रीज करवाने के लिए ₹100 की पेनल्टी भरनी होगी।
- पहले इस सीमा में योगदान 10 फ़ीसदी हुआ करता था जो कि अब सरकार ने 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फ़ीसदी कर दिया है।
- यदि निवेशक की मृत्यु 60 वर्ष से पहले हो जाती है तो पेंशन की राशि नॉमिनी को दी जाएगी।
- भारत के फाइनेंस मिनिस्टर ने नेशनल पेंशन स्कीम ट्रस्ट को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी से अलग करने का फैसला किया है।
- नेशनल पेंशन स्कीम के निदेशकों को एक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर उपलब्ध कराया जाता है जो 12 अंकों का नंबर होता है। इस नंबर से निवेशक लेन देन कर सकते हैं।
- National Pension Scheme के अंतर्गत एक से ज्यादा अकाउंट नहीं खुलवाया जा सकते हैं।
Asset Classes In NPS
अब सवाल है कि हम अपने पैसे तो इनवेस्ट कर रहे हैं लेकिन हमको ये नहीं पता कि हमारा पैसा आखिर जाता कहाँ पर है या फिर सरकार हमारे पैसों को कहाँ पर Invest करती है? तो आपको बता दें कि ये निर्णय आप खुद ही ले सकते हैं कि आपका पैसा कहाँ जाना चाहिए।
NPS में चार Asset Classes हैं
• इक्विटी
• गवर्मेंट बॉन्ड
• कॉरपोरेट बॉन्ड
• AIF ( Real Estate etc)
Equity के माध्यम से हमारा पैसा स्टॉक मार्केट में लगाया जाता है, गवर्नमेंट बॉन्ड के माध्यम से हमारा पैसा गवर्नमेंट कंपनियों में इनवेस्ट होता है, कॉरपोरेट बॉन्ड में हमारा पैसा प्राइवेट और पब्लिक कंपनी में इनवेस्ट किया जाता है, इसके अलावा हम 5% तक का इनवेस्ट रियल स्टेट बिजनेस में भी कर सकते हैं।
अगर अब हम इन पैसों पर Risk की बात करें कि कहाँ पर इनवेस्ट करने पर कितना risk होगा आईये उसको भी हम जान लेते हैं।
इक्विटी में Risk सबसे ज्यादा होता है, गवर्मेंट बॉन्ड में Risk कम होता है, कॉरपोरेट बॉन्ड में risk मध्यम होता है, वही रियल स्टेट के बिजनेस में भी risk ज्यादा होता है।
Asset Allocation in NPS
अब आप ये सोच रहे होंगे कि ये कौन डिसाइड करेगा कि हमारा पैसा कहाँ allocat होगा और कितना allocat होगा, अब इसके लिए भी सरकार ने हमको दो choice दी है, पहला है active choice, दूसरा है auto choice अब ये क्या होता है।
• active choice
यानी कि इसमें हम खुद ही ये निर्णय करते हैं कि हमारा पैसा किस क्षेत्र में कितना कितना जायेगा, इसको आप साल में दो बार इतने हिसाब से चेंज कर सकते हैं कि आपका पैसा किस क्षेत्र में जायेगा। लेकिन इसमें एक नियम है कि आप 50 साल की उम्र तक ही 75% तक ही इक्विटी में इनवेस्ट कर सकते हैं।
YEAR | INVESTMENT |
51 | 72.5% |
52 | 70% |
53 | 67.5% |
54 | 65% |
55 | 62.5% |
56 | 60% |
57 | 57.5% |
58 | 55% |
59 | 52.% |
60 | 50% |
उसके बाद 60 साल तक हर साल इसमें 2.5% की कमी होती रहेगी,
• Auto Choice
अगर आप खुद चुज नहीं करना चाहते हैं कि आपके पैसे किस क्षेत्र में लगाये जायें तो आप इसे auto choice कर सकते हैं जिससे गवर्मेंट आपकी उम्र के हिसाब से खुद ही आपके पैसों को allocat कर देगी।
NPS Account कैसे खोलें? NPS Registration
हम NPS account opening कैसे खोल सकते हैं, या फिर इसे ओपन करने का एज क्राइटेरिया क्या है।
NPS Account को कोई बी भारती जिसकी उम्र 18 साल से 65 साल के बीच में है वह एनपीएस अकाउंट खोल सकता है। इसके लिए हमारे पास दो तरीके हैं या फिर आप ऑनलाइन अकांउट खोल सकते हैं या फिर ऑफलाइन तरीके से भी अकांउट खोल सकते हैं।
ऑफलाइन अकाउंट खोलने के लिए हमें किसी अधिकृत बैंक की ब्रांच ऑफिस में जाना होगा जिन्हें हम pop (point of presence) कहते हैं।
अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं तो कभी कभी आपकी जॉइनिंग के समय ही NPS का फॉर्म भरवा लिया जाता है या फिर आप के ऑफिस में एक अलग डिपार्टमेंट होता है जिसे नोडल ऑफिस कहा जाता है वहां जाकर आप अकाउंट ओपन करवा सकते हैं।
लेकिन अगर आप एक प्राइवेट कर्मचारी हैं तो आपको pop ( point of presence) जाना होगा जहां पर आपको अपने केवाईसी डॉक्यूमेंट जमा करने होंगे और रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होगा इसके बाद आप अपका PRAN नम्बर यानी की Permanent Retirement Account Number जनरेट हो जाता है।
Permanent Retirement Account Number भी आपके पैन नंबर की तरह एक यूनिक नंबर होता है, आप NPS की आधिकारिक बेवसाइट से भी अपना point of presence चेक कर सकते हैं।
अब बात करते हैं NPS अकाउंट हम ऑनलाइन कैसे खोल सकते हैं, इसके लिए हमको www.enps.nsdl.com पर जाना होगा।
ऑनलाइन NPS खाता खोलने के लिए हमारे पास तीन डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है
• आधार नम्बर जोकि हमारे मोबाइल नंबर से लिंक हो,
• आपके सिगनेचर की स्कैम फोटो,
• आपके पास नेट बैंकिंग होनी चाहिए
अपनी पूरी डिटेल भरने के बाद ऑनलाइन एक ओटीपी जनरेट होती है, और फिर हम वो रजिस्ट्रेशन फॉर्म ऑनलाइन भरके सबमिट कर सकते हैं।
इसके बाद हमारा PRAN जनरेट हो जाएगा और उसकी एक कॉपी हमारे होम एड्रेस पर डाक के माध्यम से भेजी जाएगी।
आप एनपीएस खाता ऑनलाइन खोलें या ऑफलाइन मिनिमम ₹500 का डिपाजिट करना है जरूरी होता है, हम अकाउंट खोलने के बाद यह नहीं कि उसे भूल जाए, अकाउंट को चालू रखने के लिए साल में एक बार मिनिमम ₹500 का इन्वेस्टमेंट करना जरूरी है।
मान लीजिए कि अगर आप 1 साल में मिनिमम अमाउंट ₹500 भी इन्वेस्ट नहीं कर पा रहे हैं तो आपका अकाउंट डोमेंट हो जाएगा, इस अकाउंट को दोबारा चालू करने के लिए आपको इतनी समय का पैसा एक साथ ही जमा करना पड़ेगा।
अकाउंट खोलने के बाद हम अपनी सुविधा के अनुसार इस खाते में इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं, और इसके लिए कोई फिक्स अमाउंट ही हो यह भी जरूरी नहीं है, आप अपनी अमाउंट में बदलाव भी कर सकते हैं।
दूसरा तरीका है कि जितना भी अमाउंट आपके फाइनल कॉरपस में बना है उसे आप 60 साल की उम्र में ना निकालकर 70 साल की उम्र में निकालें, और तीसरा तरीका है कि आप 60 साल की उम्र में पैसे निकाल ले।
अब NPS मैं जो आपका पूरा अमाउंट बनता है उसको आप एक बार में नहीं निकाल सकते इसका क्या मतलब है आइए आपको इसका विड्रोल रूल्स बताते हैं?
आप अपनी इन्वेस्टमेंट के हिसाब से nps calculation (calculate nps) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं
NPS (नेशनल पेंशन स्कीम) से पैसे कैसे निकालने के नियम
एनपीएस के पूरे कॉरपस का 60% आप अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं, बाकी की 40% के लिए आपको एक एनीमिटी प्लान चूज करना होता है, यह नियम पीएफआरडीए ने इसलिए लागू किया है क्योंकि आपके रिटायरमेंट के बाद भी आपकी इनकम होती रहनी चाहिए।
यानी की हर महीने आपको कुछ पैसा मिलता रहेगा, जिससे आपके बेसिक खर्च चलते रहें ये एनवटी प्लॉन हम अपने हिसाब से चूज कर सकते हैं।
ये एनवटी प्रोवाइडर हमें हर महीने एक Fixed Amount पेंशन के रूप में हमारे खाते में भेजती रहेगी।
Partial Withdrawal In NPS
वैसे तो NPS हमारा पैसा रिटायरमेंट तक के लिए लॉक कर देता है लेकिन कुछ specific conditions में हम पैसों को Partial Withdrawal कर सकते हैं वो conditions इस प्रकार हैं-
• गंभीर बीमारी
• बच्चों की हायर एजुकेशन
• या फिर मिनिमम 3 साल की इन्वेस्टमेंट पर कंट्रीब्यूशन पर आप 45% तक का पैसा निकाल सकते हैं।
Partial Withdrawal पूरे इनवेस्टमेंट पीरियड में आप केवल तीन बार ही कर सकते हैं।
तो इस आर्टिकल में हमने NPS की सभी बेसिक जानकारी को आपसे साझा किया है, हम इस पर एक और आर्टिकल जल्दी ही लेकर आने वाले हैं जिसमें NPS से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी आपसे साझा करेंगे।
अगर आपको NPS से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या है तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बतायें।
FAQ-
NPS में कितना पेंशन मिलेगा?
NPS में अगर आप 40 फीसदी एन्युटी लेते हैं (मिनिमम इतना रखना जरूरी है) और एन्युटी रेट 6 फीसदी सालाना है, तो रिटायरमेंट बाद आपको 80.27 लाख रुपये एकमुश्त मिलेंगे और 53.51 लाख रुपये एन्युटी में चले जाएंगे. कुल कॉपर्स 1.33 करोड़ रुपये का होगा.
NPS कौन ले सकता है?
NPS को जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था. इसे 2009 में सभी कैटगरी के लोगों के लिए खोल दिया गया. कोई भी व्यक्ति अपने वर्किंग लाइफ के दौरान पेंशन अकाउंट में नियमित रूप से योगदान दे सकता है.
टियर 1 और टियर 2 क्या है?
NPS स्कीम में दो तरह के अकाउंट टियर– 1 (Tier-I) और टियर– 2 (Tier–II) खुलते हैं. Tier-I प्राइमरी अकाउंट होता है, जो पेंशन और टैक्स बेनेफिट के लिए अहम है. वहीं, Tier–II एक वॉलेंटरी अकाउंट होता है. इसे इन्वेस्टमेंट अकाउंट भी कहते हैं