अंतरजातीय विवाह के दुष्परिणाम? |इंटर कास्ट मैरिज के नुकसान

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अंतरजातीय विवाह के दुष्परिणाम? (Side effects of inter caste marriage)

अंतरजातीय विवाह समाज के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसके कई दुष्परिणाम भी हैं। कुछ दुष्परिणामों में शामिल हैं:

समाज में नाराजगी: अंतरजातीय विवाह के बारे में कुछ लोगों के मन में यह रहता है कि इससे समुदाय की मान्यताओं का उल्लंघन होता है, जिससे समाज में नाराजगी उत्पन्न होती है।

परिवार की स्थिति: अंतरजातीय विवाह करने वाले लोगों के परिवारों की स्थिति भी प्रभावित हो सकती है। इसमें कुछ परिवार वाले अपने बच्चों के साथ संबंध तोड़ देते हैं।

संबंधों की समस्याएं: अंतरजातीय विवाह करने वाले लोगों को अपने संबंधों में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ये समस्याएं अधिकतर भाषा, संस्कृति और धर्म से संबंधित होती हैं।

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समाज में असमानता: अंतरजातीय विवाह से असमानता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है

धर्म, भाषा और संस्कृति के अंतर से भेदभाव: अंतरजातीय विवाह के दौरान, विवाहित जोड़े के बीच भाषा, संस्कृति और धर्म के अंतर से भेदभाव हो सकता है। इससे विवाहित जोड़े को अपने परिवार, समाज और संगठन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

सामाजिक उत्पीड़न: अंतरजातीय विवाह करने वाले लोगों को सामाजिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है। इससे विवाहित जोड़े को अपने परिवार, दोस्तों और समुदाय बीच असहज महसूस करना पड़ सकता है।

संज्ञानात्मक रूप से अपमानजनक स्थितियाँ: अंतरजातीय विवाह के दौरान, कुछ लोग अपमानजनक टिप्पणियों, आपत्तिजनक टिप्पणियों और संज्ञानात्मक रूप से अपमानजनक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इससे उन्हें आत्महत्या, तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उपरोक्त सभी अंतरजातीय विवाह के दुष्परिणाम? हैं

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अंतरजातीय विवाह के क्या हानि-लाभ होंगे? (इंटर कास्ट मैरिज के नुकसान)

अंतरजातीय विवाह दो विभिन्न संस्कृतियों या जातियों के बीच स्थापित रिश्तों को नया अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा इसके कुछ फायदे निम्नलिखित हैं:

लाभ:

अंतरजातीय विवाह समाज में समंजस्य और समरसता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दो जातियों के बीच जोड़ी बनाने की अनुमति देता है और समूचे समाज को एक साथ लाने में मदद करता है।

इससे विवाह करने वाले लोगों को दृष्टिकोण के साथ विश्वास, समझ और जागरूकता बढ़ाता है। अंतरजातीय विवाह से लोग सामान्यतया अपने संस्कृति और परंपरा को समझ पाते हैं। यह उन्हें समझदार और सहिष्णु बनाता है।

सामाजिक समानता: अंतर जाति विवाह सामाजिक एवं धार्मिक समानता के लिए एक बड़ा कदम होता है। इससे समाज में जाति विभेद कम होता है और सभी लोगों को एक समान माना जाता है।

सांस्कृतिक विस्तार: अंतर जाति विवाह से समाज में विभिन्न संस्कृतियों का विस्तार होता है। लोग एक दूसरे की संस्कृति को समझते हैं और इससे समृद्धि बढ़ती है।

जाति से मुक्ति: अंतर जाति विवाह जाति से मुक्ति प्रदान करता है। इससे लोगों को जाति के बंधनों से मुक्त होने का मौका मिलता है और उन्हें स्वतंत्रता का अनुभव होता है।

हानि:

अंतरजातीय विवाह का मतलब होता है एक व्यक्ति के द्वारा दूसरी जाति के व्यक्ति से विवाह करना। इसके नुकसान निम्नलिखित हो सकते हैं:

सामाजिक दबाव: कुछ समाजों में अंतरजातीय विवाह मान्य नहीं होते हैं और इसलिए अंतर-जातीय विवाह करने वाले लोगों पर सामाजिक दबाव रहता है। यह दबाव उनके ख़ुद के परिवार और समाज के द्वारा दिया जाता है।

धार्मिक मतभेद: कुछ धर्मों में भी अंतरजातीय विवाह नहीं होता है और इसलिए ऐसा करने वाले व्यक्ति को अपने धर्म के लोगों और धर्माचार्यों के दबाव का सामना करना पड़ सकता है।

भाषा विस्तार: जब दो व्यक्ति दो अलग-अलग भाषाओं के होते हैं, तो भाषा को ना समझ पाना भी कई बार संबंध को तनावपूर्ण बना देता है।

संस्कृतिक अंतर: दो व्यक्ति दो अलग-अलग संस्कृतियों से होते हैं, तो संस्कृति के अंतर से व्यवहार में कठिनाई हो सकती है।

परिवार का समर्थन नहीं: कुछ समय ऐसा भी होता है जब अंतरजातीय विवाह करने वाले व्यक्ति का परिवार उनके विवाह से सहमत नहीं होता है और उन्हें उनके निर्णय के लिए अकेला छोड़ देता है। इससे निराशा, तनाव और अकेलापन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

जीवनशैली और विचारधारा का अंतर: जीवनशैली और विचारधारा के बीच अंतर होने से भी विवाह करने वाले व्यक्ति के बीच वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

रूप, आकार और रंग का अंतर: जब दो व्यक्ति एक दूसरे से विवाह नहीं कर पाते क्योंकि उनमें रूप, आकार और रंग का अंतर होता है। यह समस्या बहुत दुःखद होती है और समाज में असमंजस का कारण बन सकती है।

आर्थिक विवाद: अंतरजातीय विवाह करने वाले व्यक्ति के बीच आर्थिक विवाद होता है। यह उनके बीच असमंजस और तनाव का कारण बनता है।

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अंतरजातीय विवाह की जाति

अंतरजातीय विवाह एक ऐसा विवाह है जिसमें दो व्यक्तियों के बीच जो दो अलग-अलग जातियों से सम्बन्ध रखते हैं उनकी शादी की जाती है। अंतरजातीय विवाह एक व्यक्ति के वंशजों की जाति में कोई परिवर्तन नहीं लाता है।

अंतरजातीय विवाह एक समाजी मुद्दा है और इसकी जाति से कोई संबंध नहीं होता है। हालांकि, कुछ समाजों और संस्कृतियों में अंतरजातीय विवाह को अस्वीकार करने वाले लोग भी होते हैं।

भारत में अंतरजातीय विवाह अभी भी कुछ समाजों में विवादित है। भारतीय संविधान में अंतरजातीय विवाह को अवैध नहीं घोषित किया गया है और  अंतरजातीय विवाह की अनुमति भारतीय सविधान के आर्टिकल 21 के तहत दी गई है।

Inter caste marriage benefits

अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि 2023

भारत के विभिन्न राज्यों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और उड़ीसा इत्यादि में अंतर जाति विवाह करने पर स्थानीय सरकार के द्वारा कुछ धनराशि दी जाती है विभिन्न राज्यों के द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि इस टेबल में राज्य के हिसाब से दी गई है

भारतीय राज्यप्रोत्साहन राशि
राजस्थान10 लाख रूपये
उत्तर प्रदेश2.5 लाख रूपये
बिहार2.5 लाख रूपये
हरियाणा2.5 लाख रूपये
मध्य प्रदेश2.5 लाख रूपये
ओडिशा2.5 लाख रूपये
महाराष्ट्र3 लाख रूपये
झारखंड2.5 लाख रूपये
भारत सरकार2.5 लाख रूपये
अंतरजाति विवाह योजना प्रोत्साहन राशि

अंतरजातीय विवाह शगुन योजना राजस्थान

सविता बेन अम्बेडकर अंतर्जातीय विवाह योजना में 5 लाख रुपये 8 साल के लिए fixed deposit में रखे जाएंगे, जबकि शेष 5 लाख रुपये नवविवाहितों जोड़े के संयुक्त बैंक खाते में जमा कर दिया जाता है। 2006 में शुरू की गई इस योजना के तहत शुरुआत में केवल 50,000 रुपये प्रदान किये जाते थे।

जिसे बाद में अप्रैल 2013 में बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया था। लेकिन अब इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली धनराशी को बढ़ा दिया गया है अब इस योजना के तहत 10 लाख रूपये दिए जायेंगे।

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अंतर जाति विवाह के लिए केंद्र सरकार का प्रोत्साहन क्या है?

अंतरजातीय विवाह के तहत भारत सरकार की तरफ से भी प्रोत्साहन राशि: दी जायगी भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत चलने वाले अंबेडकर फाउंडेशन की ओर से अंतरजातीय विवाह करने वाले युवाओं को 2.5 लाख रुपए प्रोत्साहन के तौर पर दी जाती है।

फाउंडेशन से 16 अक्टूबर 2017 को ही सभी राज्यों के प्रधान सचिवों को इस संबंध में सूचित किया है। योजना के तहत नवविवाहित जोड़े को डेढ़ लाख रुपए तुरंत और एक लाख रुपए तीन साल के लिए फिक्स करने का प्रावधान है। इसके लिए जिले के अधिकारी को आवेदन फाउंडेशन तक अग्रसारित करना होता है।

FAQ

प्रश्न- क्या ब्राह्मण दूसरी जाति से शादी कर सकता है?

उत्तर- हां इस योजना के तहत ब्राह्मण भी अंतर जाति विवाह कर सकता है

प्रश्न- मुझे अपनी शादी के लिए पैसे कैसे मिल सकते हैं?

उत्तर- आप अपनी शादी के लिए बैंक से लोन ले सकते हैं या फिर अंतर जाति विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ उठा सकते हैं

प्रश्न- अंतर्जातीय विवाह क्यों अच्छा है?

उत्तर- इसकी मदद से समाज जोकि जातियों में विभाजित है उसे पुनः जोड़ा जा सकता है

प्रश्न- अंतर्जातीय विवाह की राशि कितनी है?

उत्तर- विभिन्न राज्यों में प्रोत्साहन राशि भिन्न भिन्न है सबसे ज्यादा प्रोत्साहन राशि राजस्थान सरकार द्वारा दिया जाता है

प्रश्न- क्या मैं अंतर्जातीय विवाह कर सकती हूं?

उत्तर- अगर आपकी उम्र 21 वर्ष या उससे ज्यादा है तो आप अपनी पसंद के किसी भी व्यक्ति से विवाह कर सकते हैं

प्रश्न- Inter caste marriage benefits for OBC

उत्तर- अगर आप OBC वर्ग से आते हैं तो भी आपको आपके राज्य सरकार के द्वारा और भारत सरकार के द्वारा अंतर जाति विवाह करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है

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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम आकाश है मैं पिछले 5 सालों से शेयर बाजार के क्षेत्र में काम करता हूँ, और मुझे शेयर बाजार से संबंधित आर्टिकल लिखना पसंद है। मैं कोशिश करता हूँ कि आपको बेहतरीन कंटेंट दे सकूँ।

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