|
सर्वोच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार |
सर्वोच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र बहुत ही विस्तृत है। इसका क्षेत्राधिकार प्रारंभिक, सलाहकारी, अपीलीय संबंधित है। इसके अतिरिक्त नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना भी उच्चतम न्यायालय का कार्य है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत दिए गए निर्णय भारत के राज्य क्षेत्र में अवस्थित प्रत्येक न्यायालय पर समान रूप से लागू होंगे। उच्चतम न्यायालय की शक्ति, कार्य और क्षेत्राधिकार निम्नलिखित हैं-
प्रारंभिक क्षेत्राधिकार-
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 131 निम्नलिखित विवादों के सम्बन्ध में अनन्य रूप से उच्चतम न्यायालय को प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार प्रदान करता है-
1- भारत सरकार और एक या एक से अधिक राज्यों के बीच कोई विवाद, या
2- भारत सरकार तथा कोई राज्य या कोई राज्य एक ओर और एक या अधिक राज्य दूसरी ओर, के बीच कोई विवाद
3- दो या दो से अधिक राज्यों के बीच होने वाले विवाद
किन्तु यह तभी जब कि ऐसे किसी विवाद में ऐसा कोई प्रश्न चाहे विधि का प्रश्न हो या तथ्य का प्रश्न हो अन्तर्ग्रस्त हो, जिस पर किसी विधिक अधिकार का अस्तित्व या विस्तार निर्भर करता हो। परन्तु यह कि, कथित क्षेत्राधिकार का विस्तार उस विवाद तक न होगा, जो किसी ऐसी संधि, करार, प्रसंविदा, वचनबद, सनद या अन्य ऐसे ही किसी लिखते से उत्पन्न हुआ हो, जो इस संविधान के प्रारंभ से पहले ही निष्पादित किया जा चुका हो, और इस संविधान के लागूं होने के बाद भी प्रवर्तन में हो या जो यह उपबंध करता हो कि ऐसे क्षेत्राधिकार कै विस्तार ऐसे विवाद पर नहीं होगा।
इसी प्रकार मूल अधिकार से सम्बन्धित मामले अनुच्छेद 32 के अन्तर्गत उच्चतम न्यायालय के प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत आते हैं। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचन सम्बंधित मामले भी इसके अन्तर्गत आते हैं।
सलाहकारी क्षेत्राधिकार
अनुच्छेद 143 के अन्तर्गत उच्चतम न्यायालय को प्रदत्त सलाहकारी क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत राष्टपति ऐसे किसी मामले को उच्चतम न्यायालय को उसके विचार के लिये, एक प्रश्न के रूप में, भेज सकता है, जिसमें उसे किसी समय प्रतीत होता हो कि, विधि या तथ्य का कोई ऐसा प्रश्न उत्पन्न हो गया है या उसके उत्पन्न होने की सम्भावना है, जो इस प्रकृति का है और इतने सार्वजनिक महत्व का है कि उस पर, उच्चतम न्यायालय की राय लेना हितकर(expedient) है, तब न्यायालय ऐसी सुनवाई के पश्चात, जैसा कि वह उचित समझे, उस पर अपनी राय राष्ट्रपति को देगा (अनुच्छेद 141(1) ) ।
अनुच्छेद 141(2) के तहत, राष्ट्रपति ऐसे किसी विवाद को भी उच्चतम न्यायालय को राय के लिए सौंप सकता है, जिस तक उच्चतम न्यायालय का प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार, अनुच्छेद 131के परन्तुक – के के कारण, विस्तारित नहीं है, और न्यायालय उसकी सुनवाई करने के बाद उस पर अपनी राय राष्टपति को देगा।
यह सलाहकारी क्षेत्राधिकार कनाडा के संविधान से लिया गया है, अमेरिकी और ऑस्ट्रेलिया के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान उपबन्धित नहीं किया गया है। परन्तु न्यायालय इस अनुच्छेद के अधीन ही राष्ट्रपति को राजनैतिक प्रश्नों पर उच्चतम न्यायालय सलाह देने के लिए बाध्य नहीं है।
अपीलीय क्षेत्राधिकार
उच्चतम न्यायालय देश का सर्वोच्च अपीलीय न्यायालय है। इसके अपीलीय क्षेत्राधिकार निम्नलिखित चार प्रकार के हैं-
1- संवैधानिक मामले
अनुच्छेद 132 के तहत, किसी भी दीवानी, फौजदारी या ‘ अन्य कार्यवाही’ में, भारत के किसी भी उच्च न्यायालय के निर्णय, डिक्री या अन्तिम आदेश के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में अपील की जा सकती है, यदि वह उच्च न्यायालय, अनुच्छेद 134-क के तहत, यह प्रमाणित कर दे कि उस मामले में संविधान के निर्वाचन से सम्बन्धित कोई सारवान विधि का प्रश्न अन्तर्ग्रस्त है।
2- दीवानी मामलों में अपील
अनुच्छेद 133 के तहत सिविल मामलों में, भारत के किसी भी न्यायालय के निर्णय या अन्तिम आदेश के विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है यदि वह उच्च न्यायालय, अनुच्छेद 143-क के तहत, निम्नलिखित दो बातें प्रमाणित कर दे-
1- यह कि मामले में सार्वजनिक महत्व का कोई सारवान विधि का प्रश्न अन्तर्ग्रस्त है, और
2- यह कि उच्च न्यायालय की राय में कथित प्रश्न का निर्णय उच्चतम न्यायालय द्वारा किये जाने की आवश्यकता है।
3- आपराधिक मामलों में अपील
अनुच्छेद 134 के तहत आपराधिक मामलों में भारत के किसी भी उच्चतम न्यायालय के निर्णय, अन्तिम आदेश या दण्डादेश के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में अपील की जा सकती है, यदि उच्च न्यायालय ने-
a- अपील में किसी अभियुक्त व्यक्ति की दोष-मुक्ति के आदेश को उलट दिया है और उसे मृत्यु दण्ड दिया है, या
b- किसी मामले को अपने अधीनस्थ किसी न्यायालय को परीक्षण के लिये अपने पास बुला लिया है और ऐसे परीक्षण में अभियुक्त व्यक्ति को दोष सिद्ध करते हुए मृत्यु दण्ड दिया है, या
c- अनुच्छेद 134- क के अन्तर्गत यह प्रमाणित कर दिया है कि मामला उच्चतम न्यायालय में अपील किये जाने के लिए उपयुक्त है।
4- विशेष अनुमित से अपील
अनुच्छेद 136 के अन्तर्गत उच्चतम न्यायालय, अपने स्वविवेक से, भारत के किसी भी न्यायालय या न्यायाधिकरण द्वारा किसी भी वाद या विषय में पारित किये गये किसी भी निर्णय, डिक्री, अभिनिश्चय, दण्डादेश या आदेश के विरुद्ध अपील करने की विशेष अनुमति मंजूर कर सकता है।
किन्तु उपर्युक्त उपबंध, किसी ऐसे न्यायालय या न्यायाधिकार द्वारा, जो सशस्र बलों से सम्बन्धित किसी विधि के द्वारा या उसके अधीन गठित हुआ हो, पारित किसी निर्णय, अभिनिश्चय, दण्डादेश या आदेश को लागू नहीं होंगे।
अनुच्छेद 136 के तहत अपील करने की विशेष अनुमति मंजूर करने की उच्चतम न्यायालय की शक्ति बहुत विस्तृत है, किन्तु वह उसके स्वविवेक के अधीन भी है। इसलिए यह अनुच्छेद किसी व्यक्ति के पक्ष में अपील करने का कोई अधिकार उत्पन्न नहीं करता है।
अनुच्छेद 136 के अन्तर्गत किसी तीसरे व्यक्ति के द्वारा ( जो व्यक्ति पक्षकार नहीं है) भी उच्चतम न्यायालय में अपील की जा सकती है।
पुनर्विलोकन का अधिकार
संविधान की सुरक्षा एवं व्याख्या का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को प्रदान किया गया है इसलिए उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई संविधान की व्याख्या सर्वोपरि होती है। संविधान के अनुच्छेद 137 के तहत पुनर्विलोकन की शक्ति प्रदान की गई है जिसके तहत सर्वोच्च न्यायालय अपने पहले के दिये हुये निर्णयों पर भी पुनर्विचार कर सकती है तथा उसे बदल भी सकती है। इसके अलावा अगर संसद के द्वारा जारी किये गया कोई प्रावधान संविधान की अवहेलना करता है तो उच्चतम न्यायालय उनको अवैध भी घोषित कर सकता है क्योंकि संविधान की सुरक्षा का भार भी सर्वोच्च न्यायालय पर ही है।
अभिलेख न्यायालय
संविधान के अनुच्छेद 129 के तहत सर्वोच्च न्यायालय को अभिलेख न्यायालय भी माना गया है क्योंकि इसकी सम्पूर्ण कार्यवाहीयां व निर्णय प्रमाण के रूप में प्रकाशित होते हैं तथा देश के सभी न्यायालयों को इन निर्णयों को उदाहरण के रूप में स्वीकार करना बाध्यकारी होता है। जब किसी न्यायालय को अभिलेख न्यायालय का दर्जा प्राप्त हो जाता है तो उसे न्यायालय का अपमान करने वालों को दण्ड देने का अधिकार भी मिल जाता है।
उपरोक्त के अलावा भी सर्वोच्च न्यायालय को कई अन्य अधिकार भी प्राप्त हैं जैसे संघ लोक सेवा आयोगके सदस्यों पर लगे आरोपों को न्यायालय प्रमाणित कर दे तो इसके अलावा कई अन्य अधिकार भी हैं।
Apke article achhe h Brother Grow karna h to foxiz theme lele free or mere liye article write karoge daily payment lijiye contact me on WhatsApp 7536064189