दोस्तों क्या आप जानते हैं? कि एक बार एक शख्स ने ताज महल, लाल किला और राष्ट्रपति भवन को बेच दिया था
जी हां यह बिल्कुल सच है 1978 की बात है जब एक व्यक्ति नटवरलाल ने नकली सरकारी अधिकारी बनकर
ताजमहल, लाल किला और राष्ट्रपति भवन को ही एक विदेशी नागरिक को बेच दिया था
लेकिन अब सवाल यह उठता है कि नटवरलाल ने यह सब किया कैसे?
दरअसल नटवरलाल किसी भी आदमी के हाथ की चाल को देख कर उसके सिग्नेचर को कॉपी कर लेता था
और कहां जाता है कि उसने टाटा और अंबानी जैसे बड़े बिजनेसमैन के सिग्नेचर भी कॉपी कर लिए थे
यही नहीं उसने राजेंद्र प्रसाद जो कि देश के राष्ट्रपति थे उनका भी सिग्नेचर कॉपी कर लिया था
जिसकी मदद से उसने बैंकों के साथ कई करोड़ों रुपए का घोटाला भी किया था
वही ताज महल, लाल किला और राष्ट्रपति भवन को भी एक विदेशी नागरिक को बेच दिया था
वैसे दोस्तों आपने भी कभी ना कभी नटवरलाल का नाम जरूर सुना होगा और इस पर एक मूवी भी बनी थी क्या आपको उस मूवी का नाम पता है?