फूलन देवी वही लड़की थी जिसे समाज के कुछ लोगों के द्वारा बहुत ही सताया गया था

1963 में उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के गोरहा गांव में एक बेहद गरीब परिवार में पैदा हुई

मात्र 10 साल की उम्र में ही फूलन की शादी भी कर दी गई और वो भी गांव के ही एक अधेड़ उम्र से शख्स से

कहते हैं तीन हफ्ते तक उसे बंदी बनाकर रखा गया और गांव के अलग-अलग ठाकुरों ने उसके साथ बलात्कार किया

चंबल में फूलन ने खुद को इतना मजबूत बनाया कि वो ठाकुरों से बदला ले सके

1981 में बेहमई गांव के 22 ठाकुरों को एक साथ फूलन देवी ने गोलियों से भून डाला था

फूलन पर 22 हत्या, 30 डकैती और 18 किडनैपिंग के केस दर्ज हुए

ग्यारह साल तक फूलन जेल में रहीं, लेकिन बाद में फूलन देवी ने समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा और मिर्जापुर सीट से वो सांसद भी बन गई

लेकिन 2001 में फूलन देवी की हत्या कर दी गई। दिल्ली में उनके घर के बाहर ही उन्हें गोलियों से भून डाला

फूलन देवी के नाम पर एक फिल्म 'बैंडिट क्वीन' बनी जो बहुत ही हिट हुई थी

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