कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं होता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो
ऐसी ही एक कहानी है अनिल अग्रवाल जी की जो वेदांता रिसोर्सेज के मालिक है
जब अनिल मुंबई आए थे तो उनके पास कुछ नहीं था उनके पास केवल एक टिफिन एक बिस्तर और उनके सपने थे
उस समय उनकी उम्र केवल 19 साल थी और मुंबई पहुंचते ही उन्होंने पहली बार काली पीली टैक्सी और डबल डोर बस को देखा था
अनिल अग्रवाल ने जो सपना देखा था उसको पूरा करने में उन्होंने अपनी पूरी ताकत लगा दी
आज अनिल अग्रवाल एलमुनियम, जिंक और कॉपर के सबसे बड़े कारोबारियों में से एक है
उनकी कुल संपत्ति 28625 करोड़ रुपए से भी अधिक है
यही नहीं सन 2020 की फोर्ब्स की सूची में वे 63वां सबसे अमीर व्यक्ति थे
अनिल अग्रवाल ने कबाड़ के धंधे से शुरुआत की और आज वे माइनिंग और मेटल की दुनिया के बादशाह बन गए
इसलिए अगर हौसला बुलंद हो और अंदर कुछ करने की आग तो कोई भी चीज असंभव नहीं है