QUAD Countries की पहली बैठक
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QUAD Countries First Meeting |
इस साल Quad देशों के शीर्ष नेताओं की पहली बैठक शुक्रवार को आयोजित जा रही है। इस वर्चुअल मीटिंग में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी के राष्ट्रपति बाइडेन तथा जापान और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रीयों ने भी भाग लिया। इस वर्चुअल सम्मेलन में कोराना वैक्सीन और विश्व जलवायु परिवर्तन समेत कई महत्वपूर्ण कूटनीतिक विषयों पर चर्चा की गई। लेकिन इसको लेकर हमारा पड़ोसी देश चीन को बहुत ज्यादा मिर्ची लग गई है।
इस साल यह पहला मौका है, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडेन एक साथ कोई मंच साझा करेंगे। इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रपति स्कॉट मॉरिसन और जापान राज्य के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा भी इस वर्चुअल QUAD सम्मेलन में शामिल हुए।
इस सम्मेलन में शामिल चारों नेताओं ने अपने यहां उपस्थित क्षेत्रीय मुद्दों के अलावा विश्व स्तर पर कोराना तथा वैश्विक जलवायु परिवर्तन समस्याओं के बारे में भी गहनता से चर्चा की है। इसके अलावा इन चारों नेताओं ने यह सहमति जताई है कि 21वीं सदी का भविष्य हिंद महासागर क्षेत्र से तय किया जाएगा। जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कई बार भारत का नाम लेते हुए उसकी तारीफ की और कहा कि भारत हिंद प्रशांत क्षेत्र की एक बड़ी ताकत बताया।
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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने भी भारत की तारीफ की और कहा कि भारत की ताकत दिन प्रति दिन बढ़ रही है। इस वर्चुअल सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यह भी कहा कि सभी वार्ड के सदस्य देश वैश्विक कोरोना वायरस वैक्सीन निर्माण के लिए आपस में सहयोग बढ़ाएंगे।
QUAD वर्चुअल सम्मेलन में इस बात पर भी सहमति बनी है कि कोरोना वैक्सीन का निर्माण भारत में किया जाएगा और इस कोरोना वैक्सीन के निर्माण के लिए अमेरिका और जापान दोनों मिलकर भारत को फंड देंगें।
भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने Quad के इस वर्चुअल सम्मेलन को लेकर यह कहा कि, “क्लॉड टीका पहल” सबसे ज्यादा जरूरी और मूल्यवान है। Quad राष्ट्रों ने अपनी वित्तीय संसाधनों, विनिर्माण क्षमताओं और साजो-सामान(लॉजिस्टिक्स) आदि की क्षमता को आपस में साझा करने की योजना पर भी सहमति व्यक्त की गई है।
क्वॉड टीका पहल का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य रखा गया है, कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में कोविड-19 टीके के निर्माण और उसके वितरण में तेजी लाना जिससे इस क्षेत्र में निवास कर रहे हैं सभी लोगों की मदद की जा सके।
भारत के विदेश सचिव ने आगे कहा कि इंडो पेसिफिक रीजन के मुद्दे पर भी बात की गई। लेकिन उन्होंने कहा कि, इस बारे में चारों देशों के बीच में क्या बात हुई इसका खुलासा मैं नहीं कर सकता हूं। क्योंकि यह मामला पूरी तरह से गोपनीय रखा गया है सभी सदस्य देशों ने इस क्षेत्र को लेकर अपनी स्पष्ट सहमति व्यक्त की है।
भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने क्वॉड के इस साल के ऐजेंडे में कोरोना महामारी से निपटने के लिए कोरोना वैक्सीन, विश्व जलवायु परिवर्तन और कई महत्वपूर्ण उभरती तकनीकी मुद्दों पर जोर दिया और भारत के उस नारे वसुधैव कुटुंबकम का मंत्र दिया।
QUAD क्या है?
वैसे तो Quad का निर्माण हिंद-महासागर मैं सहयोग बढ़ाने के लिए किया गया था, लेकिन इसका एक और मकसद चीन की दादागिरी को कम करना भी है। लेकिन हमारा पड़ोसी देश चीन QUAD को लेकर काफी परेशान है। उसे ऐसा लगता है कि भारत,अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान चारों देश मिलकर उसके खिलाफ कोई बहुत ही बड़ी साजिश या रणनीतिक साजिश रच रहे हैं। आखिर QUAD है क्या? Quad Full Form – Quadrilateral Security Dialogue (क्वॉड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग) इसका पूरा नाम है।
Quad के निर्माण का उद्देश्य मूल रूप से इंडो-पैसिफिक रीजन में सदस्य देशों के बीच समुद्री व्यापार को मजबूत और आसान बनाने के उद्देश्य से हुआ था। लेकिन यह संगठन QUAD के तहत अब व्यापार के साथ ही साथ सैनिक क्षमता को बढाने के लिए सैनिक बेस को मजबूत करने की दिशा में भी कार्य कर रहा है। ताकि विश्व में शक्ति को संतुलन बनाया जा सके। Quad के तहत प्रशांत महासागर, अमेरिका, और ऑस्ट्रेलिया में फैले विशाल सैनिक नेटवर्क को भारत तथा जापान को साथ लाने का प्रयास किया जायेगा।
लेकिन अगर हम आसान भाषा में समझे तो क्वॉड देश का मुख्य उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति की स्थापना करना है। साल 2007 में क्वॉड देशों का प्रस्ताव जापान देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने दिया था। जिसमें हिंद और प्रशांत समुद्री क्षेत्र में ताकतवर देशों को शामिल कर सकें। लेकिन फिर भी यह 2007 से लेकर 2017 तक निष्क्रिय रहा।
चीन के बढ़ते हुए प्रभाव को रोकना
जिस वर्ष 2017 में इस संगठन की रूपरेखा तैयार की जा रही थी तब इसका उद्देश्य चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना था। वर्ष 2019 में भी Quad Countries के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई थी। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के कारण इस सम्मेलन का आयोजन नहीं किया जा सका।
पिछले ही साल नवंबर महीने में मालाबार युद्ध अभ्यास के दौरान इस युद्ध अभ्यास के पहले चरण में Quad में शामिल चारों देशों के बीच नौसेना का संयुक्त अभ्यास कर चुके हैं। Quad की वजह से चीन बहुत ज्यादा परेशान है। उसको यह लगता है कि यह संगठन अमेरिका की एक साजिश है, जिसके तहत वह चीन के बढ़ते हुए वैश्विक प्रभाव को रोकने के लिए यह संगठन बनाया गया है। चीन इसको अपने सबसे बड़े प्रोजेक्ट बेल्ट एंड इनिशिएटिव के विरोध रूप में भी देख रहा है।
चीन को यह भी लगता है कि Quad Countries चीन की समुद्री सीमा के आस पास अपना वर्चस्व बढ़ना चाहते हैं, चीन को इस बात की भी अंदेशा है कि Quad में शामिल देश तथा अमेरिका उसके खिलाफ रणनीतिक सजिश रच रहे हैं। यानि कि अभी QUAD countries की ये पहली ही बैठक है और चीन बहुत ही घबरा गया है।