भारत के पहले Satellite Man Udupi Ramachandra Rao का Doodle
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Satellite Man Udupi Ramachandra Rao Image Sourc:- www.Google.com |
उडुपी रामचन्द्र राव का Google Doodle
Google ने बुधवार को प्रसिद्ध भारतीय प्रोफेसर और वैज्ञानिक udupi Ramachandra Rao का 89 वां जन्मदिन मनाया, जिन्हे
कई लोगों ने ‘भारत के सैटेलाइट मैन’ के रूप में याद किया। प्रोफेसर राव जो एक भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के अध्यक्ष थे, ने भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट के 1975 के प्रक्षेपण का Supervision भी किया था।
इन्होंने ISRO को आगे बढ़ाने में अपना बहुत ही बहुमूल्य योगदान दिया और देश को गौरवान्वित भी किया।
डूडल में पृथ्वी और आकाश में सितारों की पृष्ठभूमि के साथ प्रोफेसर उड़ती रामचंद्र राव का एक स्केच भी है। और उसके साथ ही Google ने अपने विवरण में लिखा है कि, “आपके Stellar technology के महत्वपूर्ण ज्ञान को आकाश गंगा के पार महसूस किया जाना जरूरी है। “
Udupi Ramachandra Rao का जीवन परिचय
उडुपी रामचन्द्र राव जी जिन्हें Satellite Man Of India के नाम से भी जाना जाता है का जन्म 10 मार्च 1932 को कर्नाटक राज्य के उडुपी नामक जिले के आलामारू नामक इलाके में हुआ था। Ramachandra Rao भारत के पहले अंतरिक्ष वैज्ञानिक में से एक थे, इसके अलावा वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष भी रहे थे।
प्रो. राव ने अपने कैरियर का आगाज कॉस्मिक रे भौतिकशास्त्री और डॉक्टर विक्रम साराभाई के सहयोगी के रूप में शुरू किया था, डॉक्टर विक्रम साराभाई को वैज्ञानिक रूप से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक के रूप में जाना जाता है।
प्रो. राव ने अपना डॉक्टरेट पूरा करने के बाद प्रोफेसर राव अपनी प्रतिभा को अमेरिका ले आए, जहां उन्होंने एक प्रोफेसर के रूप में काम किया और नासा के द्वारा एक अंतरिक्ष कार्यक्रम जिसका नाम पायनियर और एक्सप्लोरर स्पेस प्रोब था पर अपना प्रयोग किया।
लेकिन सन 1966 ईस्वी में रामचंद्र राव भारत वापस लौट आए और उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के साथ कार्य करना शुरू किया और 1975 में उन्होंने भारत के पहले उपग्रह आर्यभट्ट के अंतरिक्ष में सफल प्रक्षेपण में अपना बहुमूल्य योगदान दिया।
Udupi Ramachandra Rao का कैरियर
रामचंद्र राव भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के लगभग सभी अभियानों में किसी न किसी तरह शामिल रहे। 1960 में अपने कैरियर की शुरुआत करने के बाद से ही हुए भारत में Space technology के विकास में खासकर संचार और प्रौद्योगिकी के सुदूर संवेदन के क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान दे चुके थे।
उनको (ISRO) उपग्रह केंद्र में वहां का पहला निदेशक भी बनाया गया था। उन्होंने 1976 से लेकर 1984 ईस्वी तक इस केंद्र के निदेशक के रूप में कार्य किया था। सेटेलाइट टेक्नोलॉजी के विकास में यह आगे रहे। प्रोफेसर राव ने ही सन 1972 में भारत में सेटेलाइट टेक्नोलॉजी की स्थापना की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली। और इन्हीं के सानिध्य में भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने 1975 ईस्वी में भारत के पहले सेटेलाइट आर्यभट्ट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया।
1984 ईस्वी में इनको भारतीय अंतरिक्ष आयोग का सचिव एवं अध्यक्ष बनाया गया। इन्होंने रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास को भी आगे बढ़ाया। जिसके तहत एस. एल. वी तथा पी.एस.एल.वी रॉकेट प्रक्षेपण यान का निर्माण भारत में किया गया, जो ध्रुवी कक्षा में 2 टन क्षमता वाला उपग्रह प्रक्षेपित करने की क्षमता रखता था। इन्होंने ही सन 1991 ईस्वी में जी.एस.एल.वी के विकास एवं क्रायोजेनिक प्रौद्योगिकी के विकास में भी अपना बहुमूल्य योगदान दिया।
Udupi Ramachandra Rao का निधन 24 जुलाई 2017 को Heart Attack के पश्चात ही लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया, अपनी मृत्यु से पहले तक वे अहमदाबाद की भौतिक प्रयोगशाला की शासकीय परिषद के अध्यक्ष थे।
Udupi Ramachandra Rao ने कॉस्मिक किरणों, अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं उपग्रह तथा Rockets Technology पर 304 से भी अधिक लेख प्रकाशित किया, और कई बहुत ही महत्वपूर्ण किताबें भी लिखी। उनको भारत सहित विश्व के कुल 21 से भी ज्यादा विश्वविद्यालयों के द्वारा डी. एस. सी (मानद डॉक्टरेट) की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था।