केंद्र सरकार ने जो किसानों से वादा किया है कि 2022 में वह किसानों की आया दोगुनी करने का जो निश्चित किया था,
जिसमें खेती को आसान बनाने के लिए नये प्रयोग करने तथा उस पर लागत कम करने के लिए कई बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
भारत का पहला CNG ट्रैक्टर
उसको साकार करने के प्रयास में एक और उपलब्धि को प्राप्त कर लिया है। जुताई से लेकर कई अन्य महत्वपूर्ण कामों में किसान ट्रैक्टर का इस्तेमाल व्यापक पैमाने पर करते हैं। और वह उपलब्धि यह है कि खेती में उपयोग होने वाले पारंपरिक डीजल से चलने वाले ट्रैक्टर की जगह पर अब से CNG से संचालित ट्रैक्टर का उपयोग किया और जब किसान डीजल से चलने वाले ट्रैक्टरों की जगह पर CNG से संचालित होने वाले ट्रैक्टरों का प्रयोग होने लगेगा तो सालाना कम से कम 1.5 लाख रूपये की बचत होगी।
बात 12 फरवरी 2021 की है जब केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी से द्वारा CNG tractor का उद्घाटन किया गया। मंत्री जी ने CNG tractor से होने वाले कई महत्वपूर्ण फायदे को बताया, सरकार ने यह दावा किया है कि CNG ट्रैक्टर से किसानों को अपनी आमदनी में सुधार के साथ ही डीजल पर होने वाले खर्च के बोझ से राहत मिलेगी। डीजल से चलने वाले ट्रैक्टर के मुकाबले रेट्रोफिटेड सीएनजी ट्रैक्टर के रख रखाव व इस पर होने वाले खर्च की मात्रा में काफी कमी आ जायेगी, और इसके साथ ही ईंधन की भी काफी बचत हो जायेगी।
1. केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री ने यह भी दावा किया कि जहाँ एक किसान साल भर में डीजल पर 3 से 3.5 लाख रूपये खर्च करता है वहीं इस ट्रैक्टर के आ जाने से इस खर्च में 1.5 लाख रूपये तक की बचत कर सकता है , क्योंकि इस ट्रैक्टर की ईंधन की लागत में काफी कमी हो जायेगी। नितिन गडकरी ने कहा कि इसका मेक इन इंडिया के तहत विकसित किया गया है।
2. हमारे देश में पराली की समस्या एक बहुत ही व्यापार समस्या है मंत्री जी ने कहा कि इसी पराली में किसानों की आमदनी भी छुपी हुई है। पराली से CNG गैस का निर्माण होता है। और इससे किसान पराली से उत्पन्न हुई CNG को बेच कर भी पैसे कमाने सकते हैं। इस ट्रैक्टर को रावमैट टेक्नो सॉल्यूशन्स और टॉमासेटो ऐशिल इंडिया ने संयुक्त साझेदारी में विकसित किया है।
3. इससे सबसे ज्यादा बढ़ते हुए प्रदुषण को नियंत्रित करने में काफी सहायता हो सकती है। कुछ राज्यों में बड़े पैमाने पर खेती की जाती है, वहाँ पर खेतों में दिन-रात ट्रैक्टर चलते रहते हैं। डीजल से चलने वाले ट्रैक्टरों की वजह से वहाँ ज्यादा प्रदुषण होता है। वहीं अगर CNG tractor का इस्तेमाल किया जाने लगे तो प्रदुषण के स्तर पर काफी गिरावट देखने को मिल सकती है। डीजल के मुकाबले CNG में 70 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन कम होता है।
4. जहाँ डीजल से चलने वाले ट्रैक्टरों में ज्यादा रूपये खर्च होते हैं वहीं CNG से संचालित ट्रैक्टरों में रख रखाव की लागत काफी कम होती है। कार्बन डाइऑक्साइड की वजह से डीजल ट्रैक्टरों में बार बार खराबी होती रहती है जबकि CNG tractor में ऐसी कोई भी समस्या नहीं होने वाली है।
5. और सबसे बड़ी बात डीजल ट्रैक्टर के मुकाबले रेट्रोफिटेड CNG ट्रैक्टर ज्यादा टिकाऊ होता है। यानि की अगर कोई किसान CNG tractor खरीदता है तो वह ज्यादा दिनों तक साथ रहेगा, ऐसे में किसानों की लागत अपने आप कम हो जायेगी और उनको ज्यादा रूपये खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
एक और जरूरी बात इस CNG tractor को चालू करने के लिए डीजल का ही इस्तेमाल किया जायेगा, यानि की इसमें डीजल इंजन भी उपलब्ध रहेगा। लेकिन चालू हो जाने के बाद ट्रैक्टर का फ्यूल सोर्स को बदल कर डीजल से CNG पर चेंज करना पड़ेगा। जिससे किसानों का खर्च काफी हद तक कम हो जायेगा। लेकिन CNG tractor का Price क्या होगा अभी वो तो आने वाले समय में ही पता चल पायेगा।
आगे पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें 👈